होयसळौं कु खजाणु (Temples Built by Hoysala Dynasty)

मनखी कैं बी धाण मा ळग्युं हो, जन्नी वेका कंदूंणू तै खजाणु सुणेदुं, वेका भैर​-भीतरै सब्बी आंखी वे खजाणा तै खोज्ण ळगदन। कि बस, जन बी हो यु खजाणु मैतै मिळ जौ, वेतै फटाक से कखी ळुकै द्यों। अर स्वोच्दु सदानी ळुकाणै कि ही च। पर कुछ इन बी ह्वेनी जौन हम सब्युं कु तै इन खुळ्ळू खजाणु छ्वोड़ी, कि वेतै द्येख त सक्दां पर ळुकाणु तै ळ्हीजै नी सक्दां। अर इ खजाणा छन हमारा पुराणौं का बणांया मंदिर​। वुन त हरेक मंदिर मा हम वेकी पबित्रता, अर वुखम पुजेण व्ळी वीं सक्ति कु आसीर्बाद ळ्हेणु तै जांदां, जैतै वुखम पुजे जादूं। पर जखम परमात्मा तै कैन बसाणै स्वोचि, त इन्तजाम बी वेन वेई माफु करी। अर फेर रज्जा माराजों न क्वी काम सुरु करी हो त क्या बोन्न। हमरा देस मा कई रज्जा-माराजा व्हेनी, जौन बड़ा-बड़ा अर सुंदर मंदिर बण्वैनी।

दक्खिन भारत मा एक रज्जों कु बंस व्हे, "होयसळा", जौन ळगभग ३५० साळूं तक आजा कर्नाटक, केरळ अर तमिळनाडु का एक बड़ा सा इळाका मा राज करी। वुंकी रजधानी रै द्वारसमुद्र​, जैतै आज हाळिबीडु ब्वोळे जांदू। यूंन ळगभग सन १००० बटी १३५० तक राज करी।

युंकू पैळु रज्जा व्हे साळ​ ब्वोळन कि वेन एक एक मनस्वाग बाग तै मारी तै, एक जैन रिसी का पराण बचै छा, अर वे रिसी का आसीर्बादन ही वेन एक राज बणै। यी ळोग अफु तै यादव बंसो ब्वोळ्दा छा। सुरु का १०० साळूं तक यूँन राज बणाण मा ही जादा ध्यान राखी। अर युंकी ळड़ै परमारूं, चोळुं, नोळम्बूं, अर उनै का सब्बी रज्जों दगड़ी ळगीं रैनी। पर यूंकी चौथी पीढी मा व्हे रज्जा बिस्णुबर्धन, जु ळड़ैयुं मा त रै ही च, पर जैन धरम बटी वापस बैस्णव घरम मा आणा का बाद बिस्णु जी कु एक सुंदर मंदिर बेळूर मा बणै, ज्वा उबारि वेकी राजधानी छै। ये मंदिरै तै वेका कारीगरुं न इन बणै, जन कै जमाना मा टीरी का सुनार नथुं तै बणांदा छा। बाद मा यु अपड़ी रजधानी तै द्वारसमुद्र ळीगी, अर वुख येन सिब्जी कु मंदिर बण्वै जु कि होयसाळेस्वर का नौ से जणे जांदू। बोळ्दन कि यु मंदिर येका मोन्ना १० साळ बाद तक बी बण्णु रै। येका बाद ऐथारा २०० साळूं तक ये राजबंस न ३०० से बी जादा मंदिर बण्वैनी।

मिन सब्से पैळी युंकू सोमनाथपुर मा बणायु मंदिर द्येखी, अर वेका बाद युँका बणायां कुछ हौर मंदिर बी, पर युंतै द्येखी धीत नी भोरेंदी। आज मी अगर युँका करयां राजै तरफां जाँदूं , वे इळामा मा युँका बणायां मंदिरुं कु पता करी तै जरुर जाँदूं। अगर तुम ळोग दक्खिन भारतै जात्रा मा आणा छाँ , बेळूर अर हाळिबीडु की जात्रा बी जरुर करयां। युं द्वी मंदिरूं तै द्येखी तुम्तै बी ळग जाळू कि ज्वा कळाकारी अर सेवा भौ आज से १००० साळ पैळी हमारा पुराणौ मा छौ, वु आज नी द्यिख्येंदू। 

बेळूर, कर्नाटका हासन जिळा मा एक छ्वोटु सी बजार च, अर बंगळौर बटी ळगभग २०० किळोमीटर​ दूर। हर द्वी-तीन घंटा मा बंगळौर बटी इखौ तै बस मिळ जांदी। बेळूर बटी ळगभग १५ किळोमीटर च हाळिबीडु, अर बेळूर बटी हर एक घंटा मा इखौ तै बी बस मिळ जांदी

चेन्नाकेसब मंदिर, बेळूर
बेळूर गर्भ ग्रह का दरोजा का भैर, चेन्नाकेसब मंदिर, बेळूर

मंदिरा भीतरौ एक खंबा, चेन्नाकेसब मंदिर, बेळूर

चेन्नाकेसब मंदिर, बेळूर

चेन्नाकेसब मंदिर, बेळूर

चेन्नाकेसब मंदिर, बेळूर

होयसाळेस्वर मंदिर​, हाळिबीडु



भैरै दिवाळ्युं मा बणाई मुर्ति, होयसाळेस्वर मंदिर​, हाळिबीडु 

नंदी, होयसाळेस्वर मंदिर​, हाळिबीडु 

केदारेस्वर मंदिर​, हाळिबीडु




भैरै दिवाळ्युं मा बणाई मुर्ति, केदारेस्वर मंदिर


ळक्छमी नारैण मंदिर​,होसाहोळाळू

मंदिरै छत भीतरै तरफां बटी, ळक्छमी नारैण मंदिर​,होसाहोळाळू

भैरै दिवाळ्युं मा बणाई मुर्ति, ळक्छमी नारैण मंदिर​,होसाहोळाळू

केसब मंदिर​, सोमनाथपुर​

छत भीतरै तरफां बटी, केसब मंदिर​, सोमनाथपुर​





केसब मंदिर​, सोमनाथपुर​

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