कार्तिक स्वामी गढवालो एक सुन्दर धार्मिक तीर्थ स्थल च । बंडी बर्सयूँ बटी इखै यात्रा का बारम सोचणु छौ, पर यात्रा मा जाणा कु मौका मिली अक्टूबर २०१५ मा । पैली मिन लोगों बटी सुणी छौ की यु कार्तिक स्वामी जी कु एकमात्र मंदिर च, पर मेरी एक यात्रा मा मेरा एक मद्रासी दगड़्या न बतै की दख्खिन भारत मा यूंका भौत मंदिर छन अर इ वुख मुरगन का नौ से जणै जन्दन । फिर मिन सोची शायद या उत्तर भारतै एकमात्र जगा च पर मेरी अभी की मणिमहेश कैलाश परिक्रमा मा मैतै पता चली कि हिमाचल मा कार्तिक स्वामी जी का काफी मंदिर छन अर जैमा एक मंदिरै यात्रा मिन भी करी । कुगती गौं से ४ किमी दूर कुगती पासा रस्ता मा छौ वू । उत्तराखंड मा मिन अभी तक कार्तिक स्वामी जी कु केवल युही एक मंदिर देखी । मंदिर एकदम शांत अर सुंदर जगा म च । मी अपणा सब्बी भै बंदू तै बोल्लू की एक बार जरूर इखै यात्रा करयां ।
इख आणु तै आप तै रुदप्रयाग पौछणु जरुरी च जु ऋषिकेश बटी लगभग १४२ किमी च । इखो तै जेमो की या हौर भी रोज चन्न वोली प्राइवेट बस मिल जन्दन । बसों से अलग, दुनिया भरै लोकल टैक्सी भी मिल जन्दन । रुद्रप्रयाग बटी एक सड़क जांदी पोखरी, इखो तै भी बस छन पर कम , टैक्सी भी मिल जन्दन । रुद्रप्रयाग बटी पैली आँदी एक भली सी जगा चोपता, यु चोपता तुंगनाथ वोलु चोपता नी च हाँ । अर फिर आँदू कनकचौरी पोखरी से शैद १० किमी पैली । कनकचौरी म एक छोटू सी बाजार च, एक भात ढाळै दुकान च अर राणू तै कमरा भी । इखम बटी कार्तिक स्वामी मंदिर ३ किमी च अर जाण भी पोड़न अपणी खुट्टीयून, इलै अंक्वै ।
इखम बाटी घैणा जंगलो रस्ता च पर भौत स्वाणु, ज्यादा उकाल त नी च, खूब मजा आन्दू । अर दगड़ा मा होणा रांदन चौखम्बा का दर्शन । ढै़ किमी बाद आँदी एक धर्मशाला जख एक पुजारी जी रांदन । बासा भी रए जै सकदू इख, पंडा जी दरी, कम्ब्ला अर भांडा दे देंदन , बस राशन दगड़ा मा लीजाण पोड़ली । पंडाजी न बतै कि मंदिरो यु स्वरुप १९३६ मा गों वोलों न बणै और मी इख चौथी पीढ़ी म छौं | सबसे पैली व्हेनी नर्मदा पूरी जी, फिर गोविन्द पूरी जी फिर फ़तेह पूरी जी और अब मी नन्द पूरी | इखम बटी आधा किमी च मंदिर । मंदिर बटी भौत सैरी हिंवली काँठी दिखेंदन, चौखम्बा त इन लगदू की हाथन पकड़ ल्या । सुबेर अर ब्याखुनि दां का टैम मा इख बटी हिमालय की इन सुंदरता दिखेंदी कि, मन तै पूरू विश्वास व्हे जांदू की युही असल मा स्वर्ग च।
0 Comments